
अस्थमा व एलर्जी का स्थायी इलाज
अस्थमा, एलर्जी के कारण होता है। एलर्जी शरीर का स्वभाव है, जिसे दवाओ से बदला नहीं जा सकता है। इसलिये दवाए एलर्जी मे जब तक लेते है तब तक ही फायदा रहता है, जब दवाए झोडो तो वापस वही आ जाते है जहाँ से इलाज शुरू कीया था।
आप किसी भी पधति का इलाज ले फायदा तब तक ही रहता है जब तक आप दवा ले रहे है, अतः किसी भी पद्ती मे ( होम्योपथी, आर्युवेदिक, यूनानी, एलोपथी, एक्यूपंचर या कोई बाबा की चमत्कारिक दवा etc) स्थाई इलाज नहीं होता है.
स्थाई इलाज के लिये "Immunotherapy" इम्यूनोथेरापी ही एक एसा इलाज है जो शरीर का स्वभाव बदल सकता है। इस वास्ते एलर्जी टेस्ट किया जाता है जिसमे ये पता चलता है की आपके शरीर को किसकी एलर्जी है. और उसी एलर्जी के कण का टीका बनता है, जो व्यक्ति विशेष के किए ही होता है, इस टीके से जिस कण की एलर्जी है वो हट जाती है, और दवाओ की अवश्यकता बहुत कम हो जाती है। एलर्जी पीडित व्यक्ति बहुत अच्ची ज़िंदगी जी पाता है, क्योंकी शरीर का एलर्जी वाला स्वभाव बदल जाता है। इस इलाज से अस्थमा/दमा या एलर्जी का पीडित व्यक्ति एक समान्य ज़िंदगी जी सकता है।
इस स्थाई इलाज के लिये एलर्जी से पीडित को इलर्जी का टेस्ट करवाना होता है जो की या तो हातो की चमडी पर होता है या बल्ड मे. दोनों स्वीधा, हमारे यहा विश्वस्तर की उप्लब्ध है
एलर्जी टेस्ट अनुसार एलर्जी के कणो से बचा जाता है और एलर्जी के टीके से, एलर्जी के कण के प्रती संवेदनशीलता हट जाती है और लोट आती है एक हस्ती हुई ज़िंदगी वापस आप के जीवन मे.....
डॉ. एस. जेड. जाफरी पूरे भारत में अस्थमा, एलर्जी पर व्याख्यान दे रहे हैं। वह अपने क्षेत्र में एक प्रमुख ओपिनियन लीडर हैं।
डॉ. जाफरी ने एलर्जी प्रबंधन में भारत भर में कई डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया है। वह भारत में Accaroid Dust Mite वैक्सीन का उपयोग करने वाले भारत के पहले डॉक्टर थे।
उन्हें एलर्जी संबंधी विकार के इलाज के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है जैसे कि - एलर्जिक राइनो कंजक्टिवाइटिस, साइनसाइटिस, नाक की एलर्जी, आंखों की एलर्जी, एलर्जी अस्थमा, अर्टिकेरिया / पित्ती, एटोपिक डर्मेटाइटिस, शरीर की एलर्जी सूजन, खाद्य एलर्जी, हे फीवर, अल्जाइमर ब्रोंकाइटिस, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी , इंटरस्टीशियल लंग डिजीज, सीओपीडी, न्यूमोनियास, लुंड इन्फेक्शन, चेस्ट पेन, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, पीयूओ आदि।